कलियाँ/लड़कियाँ
खिड़की के बाहर झाँकू तो दिखते हैं
मोतिए के सफ़ेद फूल
कुछ खिलते, कुछ मुरझाते
सुगंधित मुस्कुराते से फूल
जीवन कलियों का खिलना, महकना
मुरझाना और झड़ जाना
कुछ कुछ मिलता स्वरूप
स्त्री जीवन का भी यही तानाबाना
मिट्टी हवा पानी से असबाब लेकर
खिलती कलियाँ
भावनाएँ बंधन संस्कार लेकर
जिस प्रकार पलती लड़कियाँ
बंध जाती ज्यूँ भँवरे के प्यार में कलियाँ
बंध जाती यूँ घर संसार में लड़कियाँ
तेज हवा के झोंकों से कुछ टूटती
कुछ मुरझाती कलियाँ
जीवन पथ पर ऐसे ही करती संघर्ष
डोलती-डालती पर मुस्कुराती लड़कियाँ
जब तक हैं डाली पर खिली
उपवन वन महकाती कलियाँ
ठीक वैसे घर संसार
महकाती और सजाती लड़कियाँ
नाज़ुक कंधों पर बढ़ी ज़िम्मेदारियाँ उठाती लड़कियाँ
बहुत कुछ न कह कर भी कह जाती लड़कियाँ
स्त्री और स्त्रीत्व को ताउम्र निभाती लड़कियाँ
हक़ों से अधिकारों से
अक्सर वंचित रह जाती लड़कियाँ
चाहे अनचाहे रिश्ते ढोती और निभाती लड़कियाँ
फिर भी कलियों सी मुस्कुराती लड़कियाँ
ख़ुशबू बिखराती लड़कियाँ…………….