Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2024 · 1 min read

कलिपुरुष

न अच्छा पुत्र, न अच्छा पति।
लंपटराम बने जगपति।।

न अच्छा भाई, न अच्छा बाप।
झूठाराम बना अभिशाप।।

न अच्छा पशु, न अच्छा मनुज।
मायाराम बन गया दनुज।।

बात में लाख, जेब में ख़ाक।
दंभीराम हवा रहे फांक।।

ये कलयुगी आम, बिके सरेआम।
मिले न दाम जो बेंचे चाम।।

करें न काम, है फर्जी नाम।
दिन में है राम, शाम को जाम।।

अलग तरह के जीव ये, इनसे रहियो दूर।
“संजय ” परछाईं परे, सूखे सकल शरीर।।

Language: Hindi
1 Like · 52 Views

You may also like these posts

वोट डालने निश्चित जाना
वोट डालने निश्चित जाना
श्रीकृष्ण शुक्ल
बुरा लगे तो मेरी बहन माफ करना
बुरा लगे तो मेरी बहन माफ करना
Rituraj shivem verma
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
पूर्वार्थ
हम हरियाला राजस्थान बनायें
हम हरियाला राजस्थान बनायें
gurudeenverma198
तंत्र सब कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
एक बार टूटा हुआ भरोसा
एक बार टूटा हुआ भरोसा
लक्ष्मी सिंह
गांव की भोर
गांव की भोर
Mukesh Kumar Rishi Verma
"गुलशन"
Dr. Kishan tandon kranti
2716.*पूर्णिका*
2716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
★देव गुरु★
★देव गुरु★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
कलम
कलम
अखिलेश 'अखिल'
ସେହି କୁକୁର
ସେହି କୁକୁର
Otteri Selvakumar
সকল পুরুষ ধর্ষক হয় না
সকল পুরুষ ধর্ষক হয় না
Arghyadeep Chakraborty
संगीत का महत्व
संगीत का महत्व
Neeraj Agarwal
सबसे बड़ा सवाल मुँहवे ताकत रहे
सबसे बड़ा सवाल मुँहवे ताकत रहे
आकाश महेशपुरी
क्या बनाऊँ आज मैं खाना
क्या बनाऊँ आज मैं खाना
उमा झा
स्त्री।
स्त्री।
Kumar Kalhans
अब क्या करे?
अब क्या करे?
Madhuyanka Raj
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
sudhir kumar
तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।
तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।
श्याम सांवरा
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुल्हड़-जीवन की झलक।
कुल्हड़-जीवन की झलक।
Amber Srivastava
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
डॉ. दीपक बवेजा
आपसी की दूरियों से गम के पल आ जाएंगे।
आपसी की दूरियों से गम के पल आ जाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
हम बदल गये
हम बदल गये
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कृष्णा बनकर कान्हा आये
कृष्णा बनकर कान्हा आये
Mahesh Tiwari 'Ayan'
#जीवन_का_सार...
#जीवन_का_सार...
*प्रणय*
बहर हूँ
बहर हूँ
Kunal Kanth
Loading...