Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2024 · 1 min read

#कलिकाल

#कलिकाल
___________________
दानवी कलिकाल ऐसा,
दुर्जनों के भाल जैसा!!

वासना की आग मन में,
नोचले वह काग मन में।
मृत पड़ा अनुराग मन में-
पाप का परभाग मन में।

आज का यह काल ऐसा,
दुर्जनों के भाल जैसा!!

छल कपट अब पूर्णता में,
पुण्य केवल क्षीणता में।
मातमी मौसम की बेला-
आज है संपूर्णता में।

दंश का अब हाल ऐस,
दुर्जनों के भाल जैसा!!

देह पर आसक्त होकर,
वासना में लिप्त होकर।
पाल दैहिक उर पिपासा –
वक्ष संयम रिक्त होकर।

निश्चरी प्रज्जाल ऐसा,
दुर्जनों के भाल जैसा!!

तामसी अपवृत्त चुनकर,
निश्चरी चित्तवृत्ति चुनकर।
सोम पर अधिकार करने –
स्वयं ही अतिवृत्त चुनकर।

दानवी कलिकाल ऐसा,
दुर्जनों के भाल जैसा!!

✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Hindi
Tag: गीत
95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

जो सुनना चाहता है
जो सुनना चाहता है
Yogendra Chaturwedi
पापा की तो बस यही परिभाषा हैं
पापा की तो बस यही परिभाषा हैं
Dr Manju Saini
मुझे क्या मालूम था वह वक्त भी आएगा
मुझे क्या मालूम था वह वक्त भी आएगा
VINOD CHAUHAN
मुझ में ठहरा हुआ दर्द का समंदर है
मुझ में ठहरा हुआ दर्द का समंदर है
Jyoti Roshni
वक्त तुम्हारी चाहत में यूं थम सा गया है,
वक्त तुम्हारी चाहत में यूं थम सा गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाल कहानी विशेषांक
बाल कहानी विशेषांक
Harminder Kaur
बन गई हो एक नगमा।
बन गई हो एक नगमा।
Kumar Kalhans
शोख- चंचल-सी हवा
शोख- चंचल-सी हवा
लक्ष्मी सिंह
बताओ मैं कौन हूं?
बताओ मैं कौन हूं?
जय लगन कुमार हैप्पी
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Minal Aggarwal
ए मौत आ आज रात
ए मौत आ आज रात
Ashwini sharma
सूप नखा का लंका पहुंचना
सूप नखा का लंका पहुंचना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
VEDANTA PATEL
..
..
*प्रणय*
GOOD EVENING....…
GOOD EVENING....…
Neeraj Agarwal
मेरा देश , मेरी सोच
मेरा देश , मेरी सोच
Shashi Mahajan
अभी कुछ बरस बीते
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
*पाऍं कैसे ब्रह्म को, आओ करें विचार (कुंडलिया)*
*पाऍं कैसे ब्रह्म को, आओ करें विचार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Dr Archana Gupta
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुराद
मुराद
Mamta Singh Devaa
​दग़ा भी उसने
​दग़ा भी उसने
Atul "Krishn"
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
Mahender Singh
"खुद का उद्धार करने से पहले सामाजिक उद्धार की कल्पना करना नि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बहुत खुश हैं अपनी दुनिया में
बहुत खुश हैं अपनी दुनिया में
डॉ. एकान्त नेगी
गंणतंत्रदिवस
गंणतंत्रदिवस
Bodhisatva kastooriya
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
Phool gufran
लेखक कौन ?
लेखक कौन ?
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*मन के धागे बुने तो नहीं है*
*मन के धागे बुने तो नहीं है*
Buddha Prakash
Loading...