कला जीने की
जिन्दगी जीने की भी कला चाहिए।
मर के भी याद आए वो अदा चाहिए ।
दो निवाले भी जिसके हलक न पड़े।
स्वाद छप्पन भोगों का वो
जानता।
तुम अगर चाहते हो उसका भला।
तुम करो कुछ कि उसको मिलें रोटियाँ।
इन गर
जिन्दगी जीने की भी कला चाहिए।
मर के भी याद आए वो अदा चाहिए ।
दो निवाले भी जिसके हलक न पड़े।
स्वाद छप्पन भोगों का वो
जानता।
तुम अगर चाहते हो उसका भला।
तुम करो कुछ कि उसको मिलें रोटियाँ।
इन गर