कलाधर छन्द
कलाधर छन्द*
21 21 21 21 21 21 21 21, 21 21 21 21 21 21 212
जन्म आपको मिला सुमातु गर्भ से मनुष्य
प्रेम पूर्ण आप पुत्र धर्म को निभाइये।
हों दुखी न तात मात भूख से कभी मनुष्य
हर्ष से सदैव आप भोज्य को खिलाइये।
प्रेमभाव व्यवहार कीजिये सदैव आप
तात मात पे न आप क्रोध को दिखाइये।
द्रव्य से मिले न तात मातु भ्रात आशिषादि,
धर्म है सदैव आप शीश को झुकाइये।
अभिनव मिश्र अदम्य