कलाधर घनाक्षरी छंद
कलाधर घनाक्षरी छंद
रगण जगण रगण जगण रगण
जगण रगण जगण रगण
जगण + 1गुरू =31वर्ण
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जान ले मरा धरा
राम नाम का महत्व
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राम नाम ही करे अपार पार सिंधु तीर ,
नीर आँख से गिराय ध्यान तो लगा जरा ।
बाण मार मार विप्र खूब पाप लाख कीन्ह,
बोलता रहा उचार आदतों मरा मरा ।
ले पुकार वक्त देख फेर तो शरीर क्षीण,
तू धरा अधीन मान जानले मरा धरा ।
काल से डरा बचाब चाहता बचे न किंतु ,
चीखता रहे सदैव खाट पै डरा डरा।
राम राम बोलिये
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चाहते जरूर नित्य काम दाम नाम आदि,
फालतू यहाँ वहाँ न घूम घूम डोलिये।
पालिये न खोट कोइ, लीजिये न ओट कोइ,
एक ही अधार खास आश में सँजोलिये ।
सत्य की सदा सुनीति,सत्य की विशेष जीत,
सत्य की कथा पुनीत बंद द्वार खोलिये ।
चाह में मिले सुधाम तो हिये बसाय राम,
राम राम राम राम, राम राम बोलिये ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
3/11/2022