कलाकार
अद्भुत है यह सृष्टि
अद्भुत है यहां कलाकार
दिया खुदा ने सबको,
चिंटी,हाथी, मनुष्य,खग को,
तोहफे में कारीगरी का काम!
जिसमें देखा मैंने….
चिंटी का स्वेद बहाना।
खोद धरा रज रज लाना।
एकता की मिसाल लेकर,
रहने को घर बनाना।
देखा मैंने….
मनुष्य को,
सुशोभित मकान बनाते।
बांध बांस पर बांस लगाते।
गरीबी, मजबूरी को संग लेकर,
ऊंचे ऊंचे आलिशान सजाते।
देखा मैंने….
भौंरे, मधुमक्खी को,
मिट्टी और फूल रस लाते।
लार,जल का घोल बनाते।
आलिंगन जमीं,पराग से कर,
नव उमंग के गीत गाते।
देखा मैंने….
बया, चिड़िया को,
तिनका तिनका चोंच उठाते।
बंधेज कला अद्भुत दिखाते।
रब का शुक्रिया अदा कर,
बच्चों का भविष्य सजाते।
देखी मैंने….
सबकी कारीगरी,
प्रत्येक जीव को
स्वेद बहाते।।
रोहताश वर्मा ” मुसाफिर “