कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को
अंधे लोग बहरा राजा, कुदरत का हैं फेर ।
बीच सड़क पर हत्या होवे, ऐसा हैं प्रदेश ।।
बीबी बेवा बच्चे अनाथ, कोई नहीं सुनवाई ।
गुंडागर्दी बीच सड़क पर, पुलिस बनी हैं लुगाई ।।
रोते बच्चे चीखे नार, न हो रही F.I.R. ।
हिंदू-मुस्लिम केवल फंडा, न मिट रहा भ्रष्टाचार ।।
चौकी थाना और अदालत, केवल हैं हथियार ।
जिसके हाथ में सत्ता का बल, वो ही हैं सरकार ।।
जो बोले सो कुंडी खोले, न सुनी जाय चीत्कार ।
कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को, वीर विहीन संसार ।।
चले लेखनी तेजपुरिया, धरती मां की आन ।
करनी भरनी बचा न कोई, वही अर्जुन वही वान ।।
श्याम सिंह लोधी राजपूत “तेजपुरिया”
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