-कलयुग ऐसा आ गया भाई -भाई को खा गया –
– कलयुग ऐसा आ गया भाई-भाई को खा गया
नही रहे पहले जेसे लोग,
नही रही अब वो पहले जैसी बात,
नही रहने वो पहले जैसे भाई,
नही रहे पहले जैसे वो जज्बात,
खून के रिश्ते चंद जमीन के टुकड़े के लिए,
एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए,
नही चाहिए अब तो भाई,
चाहिए उसके हिस्से का जमीनी भाग,
भाई हो गया भाई का वैरी,
साले बने सरताज,
साले साली का सत्कार होए,
भाई -बहन बिलखते जात,
कलयुग ऐसा आ गया भाई -भाई को खा गया,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184