कलम
तीन अक्षर का शब्द होता है कलम ,
उलट – फेर कर दो तो खिल जाता है कमल।
जब चलती है तेज कलम की धार ,
उसके सामने झुक जाती है तूफानी तलवार।
कलम ज्ञान का दीप जलाकर हरता है अंधकार ,
प्रेम पत्र को लिखकर मिलता है दो दिलों की तार।
कलम मनुष्य को कराता सभ्यता का ज्ञान,
सिखाता करना सभी का मान-सम्मान।
कलम किताब में बांधकर लिखता है इतिहास ,
कलम दोहा, कविता चाँद से करता है परिहास।
जिसने कलम को हाथ में पकड़ना सीख लिया ,
मानो वो इंसान जिंदगी जीना सीख लिया।
जब शब्द बिखेरती है तो बनाती है अलफ़ाज़,
कलम की ताकत का नहीं कोई अंदाज।
-वेधा सिंह