कलम
मेरी सच्ची साथी, मेरी हमदम,
हर पल मेरे साथ, फिर पास ना कोई गम l
कितना भी वक्त गुजारो उसके साथ, लगता है कम l
मन के हर जख्म भर जाते हैं ,
दिल के सब राज खुल जाते हैं,
मुझे हर मोड़ पर सहारा देने वाली ,
मेरे मन की व्यथा को बांटने वाली,
उसे मुझसे,मुझे उससे बहुत प्यार है l
उसके बिन मैं ,मेरे बिन वो अधूरी है ,
वो मेरे हाथों की शोभा, वो मेरा श्रृंगार है l
वो मेरे सुख दुख की साथी ,
हर मोड़ पर मुझे सहारा देने वाली ,
जिसकी वजह से मेरी पहचान है l
दिल को सुकून मन को करार आ जाता है ,
जब हाथ में मेरे, मेरा पेन( कलम)आ जाता है l
फिर कुछ नया लिखने के लिए, मुझे कह जाता है l