Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2021 · 1 min read

कलम से अपनी क्या लिख दूं…

मैंने तो पा मेरे बंशजों को,
मिला अन्याय,
दुख,शोषण,
तिरस्कार मेरे पूर्वजों को,
असहाय पीड़ा,
मेरे महापुरुषों को,
इन सब का हिसाब लिख दूं……..
कलमकार हूं कलम से अपनी मैं क्या लिख दूं ।

देखा मैंने बचपन से,
सभी अगड़ों को पढ़ा – लिखा,
शिक्षा से रही वंचित,
मेरी दादी,बुआ,और मां,
उनके अशिक्षित रहने की,
पीड़ा और दर्द से,
मिले अहसास को खिताब लिख दूं…….
कलमकार हूं कलम से अपनी मैं क्या लिख दूं ।

मेरे समाज को,
मिली प्रताड़ना,
यहां न मिला कभी,
न्याय और सम्मान,
उनके प्रति एक विशेष,
समाज का नज़रिया और,
उनकी दबंगई को बेहिसाब लिख दूं…..
कलमकार हूं कलम से अपनी मैं क्या लिख दूं ।

कलम से रह वंचित कबीर ने,
दुनिया को सात्विक संदेश दिया,
कलम मिली मां सावित्री को,
अठारह स्कूल दिए बनवाए,
एक कलम से बाबा साहेब ने,
देश का संविधान दिया बनाए,
कलम से मिला मुझे क्या इसपर किताब लिख दूं…….
कलमकार हूं कलम से अपनी मैं क्या लिख दूं ।

Language: Hindi
1 Like · 491 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी यादें
तेरी यादें
Neeraj Agarwal
नया सवेरा
नया सवेरा
AMRESH KUMAR VERMA
आंखे मोहब्बत की पहली संकेत देती है जबकि मुस्कुराहट दूसरी और
आंखे मोहब्बत की पहली संकेत देती है जबकि मुस्कुराहट दूसरी और
Rj Anand Prajapati
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
लीजिए प्रेम का अवलंब
लीजिए प्रेम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"प्रवास"
Dr. Kishan tandon kranti
सपनों का सफर
सपनों का सफर
पूर्वार्थ
मां
मां
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"लोकगीत" (छाई देसवा पे महंगाई ऐसी समया आई राम)
Slok maurya "umang"
चल अंदर
चल अंदर
Satish Srijan
💐प्रेम कौतुक-464💐
💐प्रेम कौतुक-464💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
मजदूर की मजबूरियाँ ,
मजदूर की मजबूरियाँ ,
sushil sarna
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
🙅लघुकथा/दम्भ🙅
🙅लघुकथा/दम्भ🙅
*Author प्रणय प्रभात*
एक ख़्वाब सी रही
एक ख़्वाब सी रही
Dr fauzia Naseem shad
✍️ D. K 27 june 2023
✍️ D. K 27 june 2023
The_dk_poetry
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
ठहर जा, एक पल ठहर, उठ नहीं अपघात कर।
ठहर जा, एक पल ठहर, उठ नहीं अपघात कर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हाईकमान (हास्य व्यंग्य)
हाईकमान (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
नेता जी
नेता जी
surenderpal vaidya
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
रोगों से है यदि  मानव तुमको बचना।
रोगों से है यदि मानव तुमको बचना।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सफाई इस तरह कुछ मुझसे दिए जा रहे हो।
सफाई इस तरह कुछ मुझसे दिए जा रहे हो।
Manoj Mahato
23/18.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/18.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अपनी क्षमता का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना ही इस दुनिया में सब
अपनी क्षमता का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना ही इस दुनिया में सब
Paras Nath Jha
देश हमारा
देश हमारा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जिंदगी जीना है तो खुशी से जीयों और जीभर के जीयों क्योंकि एक
जिंदगी जीना है तो खुशी से जीयों और जीभर के जीयों क्योंकि एक
जय लगन कुमार हैप्पी
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
डॉ. दीपक मेवाती
Loading...