कलम वो तलवार है ,
कलम वो तलवार है ,
जो इंसान से इंसान की दूरियों को काटे ।
वो तलवार बिल्कुल नहीं ,
जो इंसानी तमीज और तहजीब को ही काट दे ।
कलम वो तलवार है ,
जो इंसान से इंसान की दूरियों को काटे ।
वो तलवार बिल्कुल नहीं ,
जो इंसानी तमीज और तहजीब को ही काट दे ।