Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2024 · 1 min read

कलम मेरी साथिन

कलम मेरी साथिन है
कागज़ मेरा आइना
तब तब शब्द उकेरे
जब दिल चाहे कुछ कहना

चित्रा बिष्ट

Language: Hindi
1 Like · 52 Views

You may also like these posts

तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
कवि रमेशराज
मायने रखता है
मायने रखता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
Ranjeet kumar patre
बीज निरर्थक रोप मत ! , कविता में संस्कार।
बीज निरर्थक रोप मत ! , कविता में संस्कार।
RAMESH SHARMA
कर्मों का बहीखाता
कर्मों का बहीखाता
Sudhir srivastava
वफ़ा
वफ़ा
shabina. Naaz
2817. *पूर्णिका*
2817. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
***दिव्यांग नही दिव्य***
***दिव्यांग नही दिव्य***
Kavita Chouhan
सत्य का बुद्ध
सत्य का बुद्ध
Dr. Vaishali Verma
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
भारत की ---
भारत की ---
उमा झा
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
..
..
*प्रणय*
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
Neeraj Agarwal
मस्ती
मस्ती
Rambali Mishra
सिंहासन पावन करो, लम्बोदर भगवान ।
सिंहासन पावन करो, लम्बोदर भगवान ।
जगदीश शर्मा सहज
दुनिया की अनोखी पुस्तक सौरभ छंद सरोवर का हुआ विमोचन
दुनिया की अनोखी पुस्तक सौरभ छंद सरोवर का हुआ विमोचन
The News of Global Nation
*तरबूज (बाल कविता)*
*तरबूज (बाल कविता)*
Ravi Prakash
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें...
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें...
Ajit Kumar "Karn"
बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के
पूर्वार्थ
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
भावों को व्यक्त कर सकूं वो शब्द चुराना नही आता
भावों को व्यक्त कर सकूं वो शब्द चुराना नही आता
अर्पिता शगुन त्रिवेदी
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
Paras Nath Jha
दिल तोड़ना ,
दिल तोड़ना ,
Buddha Prakash
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
अपना-अपना दुःख
अपना-अपना दुःख
Dr. Kishan tandon kranti
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
अन्नदाता
अन्नदाता
Akash Yadav
Loading...