कलम तो उठा ली,
कलम तो उठा ली,
चिराग भी जलाया।
जैसे ही कलम को कागज पर लगाया,
तभी तुम्हारा नाम जहन में आया,
कलम तो मेरी आगे ना बड़ी,
पर पूरा खत आंसुओं से भरा पाया।
कलम तो उठा ली,
चिराग भी जलाया।
जैसे ही कलम को कागज पर लगाया,
तभी तुम्हारा नाम जहन में आया,
कलम तो मेरी आगे ना बड़ी,
पर पूरा खत आंसुओं से भरा पाया।