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30 Jun 2021 · 1 min read

कलम की तड़प

आज मैंने कुछ नया लिखा नहीं
आज मन बहुत उदास है
ना कहानी ना गीत ना छंद ना रुबाई
सिर्फ आंसू ही मेरे पास हैं

सोचता था ये साल बेहतर होगा सबके लिए
पिछले साल ने सबको रुसवा किया था
हंसी खुशी से बीत रही थी जिंदगी
कौमा नही पूर्ण विराम ही लगा दिया था

इस साल हर इंसान रोया था अपनो के लिए
तरसता रहा इस बार भी सपनो के लिए
सोचते सोचते आधा साल युहीं गुजर गया
समय तो चलता रहा पर इंसान ठहर गया

आगे अच्छा हो तो कुछ लिखने का मन होगा
मुरझाई कलियों का भी खिलने का मन होगा
नई उमंग नई चाहत शायद सब नया नया होगा
नए जोश के साथ ही तो मिलने का मन होगा

वीर कुमार जैन
30 जून 2021

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 571 Views
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