Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

कलम की ताकत

कलम की ताकत सुनाती हूं
सुलगते अल्फाज लिखती है
ज्ञान की किताब लिखती है
नितनयन भाव लिखती हूं
श्रृंगार का आधार लिखती है
प्रेम का प्यारा सार लिखती है
प्यार का इकरार लिखती है
रिश्तों की तकरार लिखती है
सम्बन्धों की दरकरार लिखती है
सुख से वृहद विस्तार लिखती है
तकलीफ का खार लिखती है
विरह मुरझा मन मार लिखती हैं
ईर्ष्या से मनमुटाव लिखती है
दयादान व्यवहार लिखती है
पूजन भजन पाठ लिखती है
पाक-कला समझदार लिखती है
राजनीति चाचा-भतीजावाद लिखती है
देश की सरकरार लिखती है
उन्नति का प्रकार लिखती है
अवनति का टाल लिखती है
बीते दिन का जंजाल लिखती है
वर्तमान का हाल लिखती है
भविष्य का काल लिखती है
मोह माया का जाल लिखती है
नेहप्रीत का अनुराग लिखती है
कलम सब-कुछ लिखती है
कलम की ताकत सबको दिखती है

-सीमा गुप्ता,अलवर

Language: Hindi
82 Views

You may also like these posts

शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
तुम्हारे ख्यालों डूबे
तुम्हारे ख्यालों डूबे
हिमांशु Kulshrestha
अंततः कब तक ?
अंततः कब तक ?
Dr. Upasana Pandey
देश का वामपंथ
देश का वामपंथ
विजय कुमार अग्रवाल
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
Rj Anand Prajapati
निलगाइन के परकोप
निलगाइन के परकोप
अवध किशोर 'अवधू'
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
दिल का टुकड़ा...
दिल का टुकड़ा...
Manisha Wandhare
बहुत दिन हो गए
बहुत दिन हो गए
Meera Thakur
ನನ್ನಮ್ಮ
ನನ್ನಮ್ಮ
ಗೀಚಕಿ
..
..
*प्रणय*
“दोगलों की बस्ती”
“दोगलों की बस्ती”
ओसमणी साहू 'ओश'
यह मूर्दों की बस्ती है
यह मूर्दों की बस्ती है
Shekhar Chandra Mitra
It's just you
It's just you
Chaahat
मैं कीड़ा राजनीतिक
मैं कीड़ा राजनीतिक
Neeraj Mishra " नीर "
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
अनंत शून्य
अनंत शून्य
Shekhar Deshmukh
मगध की ओर
मगध की ओर
श्रीहर्ष आचार्य
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गव
जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गव
Rituraj shivem verma
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
डॉक्टर रागिनी
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
घर
घर
Shashi Mahajan
खूब ठहाके लगा के बन्दे
खूब ठहाके लगा के बन्दे
Akash Yadav
****हर पल मरते रोज़ हैं****
****हर पल मरते रोज़ हैं****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*संगीत के क्षेत्र में रामपुर की भूमिका : नेमत खान सदारंग से
*संगीत के क्षेत्र में रामपुर की भूमिका : नेमत खान सदारंग से
Ravi Prakash
"बह रही धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
Loading...