*”कलम की ताकत “*
“कलम की ताकत”
लेखनी जब कलमकारों के हाथों में चलती है
तब आग की लौ लपेटे एक चिंगारी सी जलती है।
अंतर्मन तरंगों में ज्वाला धधकती हुई ,
जब शब्दों के तालमेल बैठा कुछ लिखने को मजबूर करती है।
कलम की पैनी धार विवश करती है
कलम की ताकत एक गुनहगार को सजा सुनाती।
गुनहगार को मृत्युदंड होने पर कलम की नोंक (निब) तोड़ दी जाती।
कभी सलाहकार बन शिक्षण संस्थान में मंजिल तक पहुंचाती ।
कलम की ताकत अग्नि ज्वाला की तरह बन जाती
कभी शब्दावली शिल्पकार मोती की तरह पिरोती जाती।
शब्दों को जोड़ नव सृजन कर इतिहास बना जाती।
रामायण भागवत पुराण अनेक ग्रन्थो की रचना कर ज्ञान भंडार भर जाती।
कलम की चिंगारी लोगों को सही दिशा बतलाती
कलम जलती हुई मोमबत्ती की तरह जलती जाती।
तमस दूर कर जीवन लक्ष्य बना उजियाला फैलाती।
हाथों की उंगलियों में कलम की ताकत आजमाती।
कलम सारी दुनिया भर को हाथों की मुठ्ठी में कैद कर जाती
अंतर्मन में उठते तरंगों भावनाओं में उभरते हुए,
कुछ सोचने लिखने को मजबूर विवश हो जाते।
कभी आंखों की अश्रुधारा बहते हुए,
कभी हास परिहास खुशियों का पैमाना झलकाते।
कलम स्वतंत्र विचारों को कोरे कागज पर उकेर जाते
प्रकृति हॄदय विदारक घटनाओं को देख पिघल जाते।
शब्दों को आकार देते हुए जीवन आधार बनाते।
शब्दों के तालमेल बैठा नया मोड़ जीवन लक्ष्य बनाते जाते।
कलम की ताकत कामयाबी हासिल कर जीवन सफल बनाते
विचारों की लौ जलाकर सकारात्मक सोच उज्ज्वल भविष्य बनाते।
शशिकला व्यास✍️