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29 Dec 2021 · 1 min read

कलम उठा

ना बंदूक,
ना बम उठा
कलम उठा!
कलम उठा!!
अपनी गुस्ताख
नज़्मों से,
अपने बेबाक
फिकरों से
ज़ुल्मत की
बुनियाद हिला।
कलम उठा!
कलम उठा!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
161 Views
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