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16 Feb 2022 · 1 min read

*कर प्यारे घोटाला (गीतिका)*

कर प्यारे घोटाला (गीतिका)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
बड़ा आदमी बनना है तो कर प्यारे घोटाला
मामा और भतीजा ले ले, सँग ले साली-साला
(2)
चलो बैंक में आदर से इनको अन्दर बैठाओ
उजले चेहरे वाले आए लेने कर्जा काला
(3)
बड़े लोग क्या ठाठ-बाट से बैंकों में जाते हैं
उनको देने कर्ज निकलकर आते अफसर आला
(4)
कर्ज बैंक से लेना शिष्टाचार – भरी भाषा है
खरे-खरे शब्दों में कहिए,डाका असली डाला
(5)
बड़े-बड़े लोगों के माथे पर पट्‌टी चिपकाओ
लिख दो उस पर “कर्जदार बैंकों का पैसेवाला”
(6)
बैंकों में घोटाले करने वाले देश-विरोधी
पता नहीं किन गद्दारों ने इनको जमकर पाला
(7)
जीवन-यापन हेतु कर्ज की करें न कोई आशा
आम-जनों के लिए समझिए पड़ा बैंक में ताला
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451

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