Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2019 · 1 min read

कर दो ना

Sahityapedia

Home
Search
Dashboard
1
Notifications
Settings

Dr Archana Gupta
370 Fol

एकाकीपन को तुम दुल्हन कर दो ना
प्रेम भाव से झंकृत ये मन कर दो ना

तुम ही बंजर मन में फूल खिला सकते
नाम हमारे अपना जीवन कर दो ना

विरह अगन में जलकर झुलस गए सपने
हरा भरा फिर इनका उपवन कर दो ना

कदम कदम पर उलझन घेर रहीं आकर
एक एक कर हल हर उलझन कर दो ना

श्याम बनो तुम ,राधा मैं बन जाती हूँ
इस जीवन को तुम वृंदावन कर दो ना

स्वीकार अर्चना कर लो मेरी मीरा सी
प्रेम ‘अर्चना’ का अब पावन कर दो ना

14-10-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

2 Likes · 332 Views
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

मस्त बचपन
मस्त बचपन
surenderpal vaidya
कांच के जैसे टूट जाते हैं रिश्ते,
कांच के जैसे टूट जाते हैं रिश्ते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*किस्मत में यार नहीं होता*
*किस्मत में यार नहीं होता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
घर
घर
Dr. Bharati Varma Bourai
भोले बाबा है नमन
भोले बाबा है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मानव का अधिकार
मानव का अधिकार
RAMESH SHARMA
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*नियति*
*नियति*
Harminder Kaur
sp105 पांच दिनों का है त्यौहार
sp105 पांच दिनों का है त्यौहार
Manoj Shrivastava
अविभाज्य का विभाजन
अविभाज्य का विभाजन
Anuj Rana
!!! सदा रखें मन प्रसन्न !!!
!!! सदा रखें मन प्रसन्न !!!
जगदीश लववंशी
"मित्रों से जुड़ना "
DrLakshman Jha Parimal
हर पल तेरी याद
हर पल तेरी याद
Surinder blackpen
Insaan badal jata hai
Insaan badal jata hai
Aisha Mohan
* ये काशी है *
* ये काशी है *
Priyank Upadhyay
हार नहीं होती
हार नहीं होती
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"मत भूलो"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी जीत कभी हार
कभी जीत कभी हार
Meenakshi Bhatnagar
कुछ खो गया
कुछ खो गया
C S Santoshi
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
Neelofar Khan
हम जानते हैं - दीपक नीलपदम्
हम जानते हैं - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
2881.*पूर्णिका*
2881.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वर्षा का तांडव हुआ,
वर्षा का तांडव हुआ,
sushil sarna
मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
Shweta Soni
मेरे अपने
मेरे अपने
Rambali Mishra
*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*
*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*
Ravi Prakash
भाई-बहिन का प्यार
भाई-बहिन का प्यार
Surya Barman
Loading...