Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2022 · 1 min read

कर दो ना परमानेंट डियर

थोड़ा तो अब समझा करो
मेरी हालत -ए -रिसेंट डियर
मैं अब भी डेली वेजेज़ पर हूँ
कर दो ना परमानेंट डियर

तुम इंस्टा की सुंदरता हो
मैं वही पुराना फेसबुकिया हूँ
तुम कड़क नोट बीस की हो
मैं सिक्का -ए -दो रूपया हूँ
तुम नई नोट के माफिक हो
मैं बंद नोट ऐंसीयंट डियर
मैं अब भी डेली वेजेज़ पर हूँ
कर दो ना परमानेंट डियर

तुम खरगोश सी चंचल हो
मैं तो मन से टर्टल हूँ
तुम एग्रीमेंट हो लिखी हुई
मैं हर शर्त इन वर्बल हूँ
तुमपर ही जा अटका है
मेरा जिद्दी सेंटीमेंट डियर
मैं अब भी डेली वेजेज़ पर हूँ
कर दो ना परमानेंट डियर

मैं तो डिजिटल प्रपोजी हूँ
तुम केयर वाली इमोजी हो
मैं तुम्हारे माफिक चलता हूँ
तुम तो वेरी मनमौजी हो
तुमने क्या व्हाट्सप्प चेक किया?
मैं हर्ट दिया हूँ सेंट डियर
मैं अब भी डेली वेजेज़ पर हूँ
कर दो ना परमानेंट डियर

किस्तों में मोहब्बत करते हो
मैं फुल टाइम का आदी हूँ
तुम रेशम सी कोमल ठहरी
मैं तन और मन से खादी हूँ
गर लोन पर दिल दे दो अपना
तो कर दूँ डाउनपेमेंट डियर
मैं अब भी डेली वेजेज़ पर हूँ
कर दो ना परमानेंट डियर

तुम फर्स्ट डिवीजन कला निष्णात
बैठती थी बेंच पर सर्वदा फ्रंट
मैं जैसे – तैसे पास हुआ हूँ
था बैक बेंचर घोघा बसंत
मैं तैंतीस परसेंटी मुश्किल से पास
तुम पास विथ सेंट परसेंट डियर
मैं अब भी डेली वेजेज़ पर हूँ
कर दो ना परमानेंट डियर
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 347 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नास्तिकों और पाखंडियों के बीच का प्रहसन तो ठीक है,
नास्तिकों और पाखंडियों के बीच का प्रहसन तो ठीक है,
शेखर सिंह
पहली बारिश..!
पहली बारिश..!
Niharika Verma
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
Swami Ganganiya
आत्म मंथन
आत्म मंथन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
वो
वो
Sanjay ' शून्य'
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
Taj Mohammad
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#हिंदी-
#हिंदी-
*प्रणय प्रभात*
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
Shweta Soni
सब को जीनी पड़ेगी ये जिन्दगी
सब को जीनी पड़ेगी ये जिन्दगी
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
सनातन के नाम पर जो स्त्रियों पर अपने कुत्सित विचार रखते हैं
सनातन के नाम पर जो स्त्रियों पर अपने कुत्सित विचार रखते हैं
Sonam Puneet Dubey
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
Ravi Prakash
अहा! जीवन
अहा! जीवन
Punam Pande
अहमियत हमसे
अहमियत हमसे
Dr fauzia Naseem shad
जितनी स्त्री रो लेती है और हल्की हो जाती है उतना ही पुरुष भी
जितनी स्त्री रो लेती है और हल्की हो जाती है उतना ही पुरुष भी
पूर्वार्थ
2511.पूर्णिका
2511.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"कसर"
Dr. Kishan tandon kranti
एक तरफा दोस्ती की कीमत
एक तरफा दोस्ती की कीमत
SHAMA PARVEEN
हीर और रांझा की हम तस्वीर सी बन जाएंगे
हीर और रांझा की हम तस्वीर सी बन जाएंगे
Monika Arora
गुरु मानो संसार में ,
गुरु मानो संसार में ,
sushil sarna
शाम ढलते ही
शाम ढलते ही
Davina Amar Thakral
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दीप तुम हो तो मैं भी बाती हूं।
दीप तुम हो तो मैं भी बाती हूं।
सत्य कुमार प्रेमी
जिसनें जैसा चाहा वैसा अफसाना बना दिया
जिसनें जैसा चाहा वैसा अफसाना बना दिया
Sonu sugandh
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Santosh kumar Miri
बुंदेली दोहा-पीपर
बुंदेली दोहा-पीपर
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुझे  किसी  से गिला  नहीं  है।
मुझे किसी से गिला नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
Loading...