कर गमलो से शोभित जिसका
कर गमलो से शोभित जिसका
भारत शीष हिमालय है
गौरव गाथा से स्वर्णिम जिसका
अखंड विश्व हिमायत है।
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा
कर गमलो से शोभित जिसका
भारत शीष हिमालय है
गौरव गाथा से स्वर्णिम जिसका
अखंड विश्व हिमायत है।
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा