813 कर एहसान मुझपे
कर एहसान मुझपे,
कुछ मेरी भी कद्र कर।
मेहनत कर रहा हूँ,
कुछ मेरा भी जिक्र कर।
देख रहा हूं तेरी तरफ़,
मैं प्यासी नजरों से।
कर कुछ करम तू,
कुछ मेरा भी फिक्र कर।
दूरियां बढ़ ना जाएं,
आ पास आ।
कुछ मैं कर रहा हूँ,
कुछ तू भी कोशिश कर।
प्यार को बढ़ा,
नफरत को दूर रख।
भर जिंदगी में प्यार,
दूर तू यह खलिश रख।
3.30pm 30Jan 2019