कर्म प्रधान
कहते हैं…
किस्मत बड़ी बलवान
तो कर्म का कहाँ स्थान ?
अगर कर्म है प्रधान
तो किस्मत का क्या काम ?
इन दोनों विरोधाभास में
हम सब है घिरे
सबके जुड़े हैं आपस में सिरे ,
आओ कर्म को किस्मत से जोड़े
मिल कर सारी मिथ्थयाओं को तोड़े ,
कर्म ही जीवन में महान
जो ना समझे वो अज्ञान ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 10/04/14 )