कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
सिर्फ वे परायण हो चुके हैं
दूसरों के आधीन दूसरों के कुकर्म में
दूसरों की सभ्यता में
और दूसरों के विचारों में
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा
कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
सिर्फ वे परायण हो चुके हैं
दूसरों के आधीन दूसरों के कुकर्म में
दूसरों की सभ्यता में
और दूसरों के विचारों में
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा