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25 Sep 2020 · 1 min read

कर्मों के फल वहाँ मिलते हैं।

आँखों से जो अश्रु छलकते हैं,
शिवचरणों में जाकर गिरते हैं।

देख नीर भरी बदली भक्तों में,
भगवान भी खूब बिलखते हैं।

राहत देकर इन सूनी आँखों को,
अपनी प्रीत से दुख वो हरते हैं।

कोई समझे या न समझे यहाँ पर,
प्रभु मन की हर पीड़ा समझते हैं।

किसी का दुख दर्द नहीं छिपा उनसे,
हर एक दर्द का हिसाब वो रखते हैं।

ईश्वर के लिए होते सब एक बराबर,
सबके कर्मों के फल वहाँ मिलते हैं।।
By: Dr. Swati Gupta

1 Like · 1 Comment · 200 Views
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