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17 Jul 2022 · 1 min read

कर्मगति

युवावस्था में जो संतान अपने माता पिया को ,
दुख ,संताप और तिरस्कार देती है ।
अपनी वृद्धावस्था में फिर ब्याज के रूप में ,
वही दुख ,संताप और तिरस्कार पाती हैं।
क्योंकि कर्मगति टाले नहीं टलती,
वोह लौटकर अवश्य आती है ।

Language: Hindi
111 Views
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