कर्तव्य का पता
कर्तव्य का पता
सेवा से निवृत हो , जब माता- पिता।
स्नेह से आवृत करो, निज सुत-सुता।
पूरा ध्यान रखना तब , तुम ही उनका;
सबको सदा रहे, इस कर्तव्य का पता।
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..✍️पंकज कर्ण
……….कटिहार।
कर्तव्य का पता
सेवा से निवृत हो , जब माता- पिता।
स्नेह से आवृत करो, निज सुत-सुता।
पूरा ध्यान रखना तब , तुम ही उनका;
सबको सदा रहे, इस कर्तव्य का पता।
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..✍️पंकज कर्ण
……….कटिहार।