Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2025 · 1 min read

कर्ण छंद विधान सउदाहरण

कर्ण छंद विधान –
कर्ण छंद, समपाद मात्रिक छंद ,
कुल ३०मात्राएं १३,१७. पर यति चरणांत गुरु गुरु
दो या चारों चरण समतुकांत।
यति के अंत में गाल और शुरू में लगा आवश्यक है।
मापनी – २२२ २२२१,१२२२ २२२ २२

मग में चलते श्री राम , लखन सँग सीता जी सुकुमारी |
वन काँटे है लाचार , समस्या भी वह समझे भारी |
कैसे पग लूँ मैं चूम , छुए तब पीड़ा होगी प्रभु को –
उड़कर मग करते साफ, करें दर्शन से मन सुखकारी |

=====सुभाष सिंघई ==============

Language: Hindi
12 Views

You may also like these posts

रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
Best Preschool Franchise in India
Best Preschool Franchise in India
Alphabetz
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
Sanjay ' शून्य'
किरायेदार
किरायेदार
Keshi Gupta
जिंदगी
जिंदगी
विजय कुमार अग्रवाल
उस साधु को फिर देखने मैं जो गई - मीनाक्षी मासूम
उस साधु को फिर देखने मैं जो गई - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
अभी गनीमत है
अभी गनीमत है
शेखर सिंह
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी तुझसे हार गया
जिंदगी तुझसे हार गया
Anant Yadav
मुक्तक – शादी या बर्बादी
मुक्तक – शादी या बर्बादी
Sonam Puneet Dubey
*मोबाइल*
*मोबाइल*
Ghanshyam Poddar
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
गज़ल
गज़ल
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
जन्म से
जन्म से
Santosh Shrivastava
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
Neeraj Agarwal
दिल
दिल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी एक ख्वाब है
जिंदगी एक ख्वाब है
shabina. Naaz
सेवन स्टेजस..❤️❤️
सेवन स्टेजस..❤️❤️
शिवम "सहज"
रिश्ते
रिश्ते
Ashwini sharma
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
Shweta Soni
3763.💐 *पूर्णिका* 💐
3763.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"कद्र "
पूर्वार्थ
कोशिशें हाथ
कोशिशें हाथ
Dr fauzia Naseem shad
"गंगा माँ बड़ी पावनी"
Ekta chitrangini
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहा
दोहा
sushil sarna
..
..
*प्रणय*
Loading...