कर्ण छंद विधान सउदाहरण
कर्ण छंद विधान –
कर्ण छंद, समपाद मात्रिक छंद ,
कुल ३०मात्राएं १३,१७. पर यति चरणांत गुरु गुरु
दो या चारों चरण समतुकांत।
यति के अंत में गाल और शुरू में लगा आवश्यक है।
मापनी – २२२ २२२१,१२२२ २२२ २२
मग में चलते श्री राम , लखन सँग सीता जी सुकुमारी |
वन काँटे है लाचार , समस्या भी वह समझे भारी |
कैसे पग लूँ मैं चूम , छुए तब पीड़ा होगी प्रभु को –
उड़कर मग करते साफ, करें दर्शन से मन सुखकारी |
=====सुभाष सिंघई ==============