== करो मनमर्जी अपनी ==
अभी न जाने कितनी आएँगी
कितनी ऐसे ही मारी जाएंगी
जो करती हैं गलत बिरादरी से प्यार
वो ऐसे ही मार दी जाएंगी !!
कितना कर लो विश्वाश इन पर
हर बार ही हर ली जायेगी
लगता है मर गए हैं हिन्दू परिवार
पता नहीं इन्हे कहाँ की जन्नत मिल जायेगी !!
आज तक जो सबक न ले पायी
ऐसी ऐसी हैं हिन्दुओं की बालाएं
टुकड़े टुकड़े होने के बाद भी
अंधे प्यार में ऐसे ही मारी जाएंगी !!
जो नहीं मानेगी अपने माँ बाप की बात
फिर चाहे वो कितना ही कर ले प्यार
जो करते बकरे को हलाल बार बार
उनकी तरह ही वो बलि चढ़ाई जायेगी !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ