करो नारी खुद पर विश्वास
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श्रृंगार छंद
16मात्रा/आरंभ में त्रिकल, द्विकल फिर त्रिकल अनिवार्य
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करो नारी खुद पर विश्वास।
जन्म तेरा है सबसे खास।
कभी मत होना कुंठा ग्रस्त।
नहीं होना विपदा से त्रस्त।
खींचना चाहे कोई वस्त्र।
उठाना होगा तुमको शस्त्र।
स्वयं का मत सहना उपहास।
करो नारी खुद पर विश्वास।
दिखे जब दानव का व्यभिचार।
समझना मत खुद को लाचार।
शक्ति साहस का हो अवतार।
स्वयं करना उसका प्रतिकार।
दुष्ट चाहे करे अट्टहास।
करो नारी खुद पर विश्वास।
करो हिम्मत साहस से प्रीत।
सदा होगी फिर तेरी जीत।
प्रकृति गायेगी मंगल गीत।
दिशा में गूँजेगा संगीत।
हृदय में भर रखना उल्लास।
करो नारी खुद पर विश्वास।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली