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16 Jun 2023 · 1 min read

करो तो

है बाल्यकाल हकदार सही, पीढ़ी के फल खाने का।
किशोरावस्था है तरुणाई में मंजिल की राह बनाने का।।
युवावस्था एक व्यवस्था, सृजन और सेवा का है।
बाल वृद्ध की जिम्मेदारी और सेवा ही फलमेवा है।।
वृद्ध हुए तो करें आकलन, पूरे जीवन काल की।
हारे हो तो सीख दीजिए, जीते हुए मिशाल की।।
सरल बने और सत्य निष्ट हो, गाइड हैं अपनी पीढ़ी के।
आप ही वह पहली डंडी हैं, अपने परिवार के सीढ़ी के।।

Language: Hindi
1 Like · 206 Views
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