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16 Aug 2022 · 1 min read

करे क्यों कोठी चोरी

आरक्षण ग़र पाप है, बढ़ा रहे क्यूँ आप।
एक दहाई दे दिए, रहा न कोई माप।।
रहा न कोई माप,बँधी ना कोई डोरी।
छप्पर का अधिकार, करे क्यों कोठी चोरी।
रोते हो दिन-रात,”जटा”को समझ न आए।
आरक्षण है कोढ़, तो काहे तू अपनाए।।
✍️जटाशंकर”जटा”

Language: Hindi
199 Views

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