Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2022 · 1 min read

करे क्यों कोठी चोरी

आरक्षण ग़र पाप है, बढ़ा रहे क्यूँ आप।
एक दहाई दे दिए, रहा न कोई माप।।
रहा न कोई माप,बँधी ना कोई डोरी।
छप्पर का अधिकार, करे क्यों कोठी चोरी।
रोते हो दिन-रात,”जटा”को समझ न आए।
आरक्षण है कोढ़, तो काहे तू अपनाए।।
✍️जटाशंकर”जटा”

Language: Hindi
190 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
Shashi kala vyas
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बस जिंदगी है गुज़र रही है
बस जिंदगी है गुज़र रही है
Manoj Mahato
६४बां बसंत
६४बां बसंत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
--शेखर सिंह
--शेखर सिंह
शेखर सिंह
बिखरना
बिखरना
Dr.sima
हर इंसान के काम का तरीका अलग ही होता है,
हर इंसान के काम का तरीका अलग ही होता है,
Ajit Kumar "Karn"
*वो है खफ़ा  मेरी किसी बात पर*
*वो है खफ़ा मेरी किसी बात पर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल पागल, आँखें दीवानी
दिल पागल, आँखें दीवानी
Pratibha Pandey
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
Jatashankar Prajapati
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
(आखिर कौन हूं मैं )
(आखिर कौन हूं मैं )
Sonia Yadav
ना जाने कौन सी बस्ती ,जहाँ उड़कर मैं आयी हूँ ,
ना जाने कौन सी बस्ती ,जहाँ उड़कर मैं आयी हूँ ,
Neelofar Khan
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
नेताम आर सी
गुरुर
गुरुर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
लखनऊ शहर
लखनऊ शहर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
3786.💐 *पूर्णिका* 💐
3786.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
क्यू ना वो खुदकी सुने?
क्यू ना वो खुदकी सुने?
Kanchan Alok Malu
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।
Phool gufran
कृष्ण कुंवर ने लिया अवतरण
कृष्ण कुंवर ने लिया अवतरण
राधेश्याम "रागी"
*जग से चले गए जो जाने, लोग कहॉं रहते हैं (गीत)*
*जग से चले गए जो जाने, लोग कहॉं रहते हैं (गीत)*
Ravi Prakash
किसी भी क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसी
किसी भी क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसी
पूर्वार्थ
वर्तमान के युवा और युवतियां महज शारीरिक आकर्षण का शिकार हो र
वर्तमान के युवा और युवतियां महज शारीरिक आकर्षण का शिकार हो र
Rj Anand Prajapati
হরির গান
হরির গান
Arghyadeep Chakraborty
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
माॅं के पावन कदम
माॅं के पावन कदम
Harminder Kaur
Loading...