करें प्यार
गीतिका
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हम नफरत छोड़ें करें प्यार।
है सुख का शुभ यही आधार।
प्रभु की शरण का बहुत महत्व।
मिटते स्वयं सब कष्ट अपार।
जब भी श्रम होता फलीभूत
स्वप्न हो जाते हैं साकार।
यौवन को लगते चार चांद।
भाए सभी के मन श्रृंगार।
हर पल जीवन का करें धन्य।
सबके हित हो सुन्दर विचार।
रिमझिम मनमोहक लगे दृश्य।
खूब हो वर्षा की बौछार।
जेब में जब पैसा हो खूब।
खूब मनाते सभी त्योहार।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य