करें क्यूँ कोख ख़ाली है
जहाँ की रीत भी देखो, भला कैसी निराली है
हैं नौ दिन पूजते देवी, मगर नारी को गाली है
लगे प्यारी बहन, माता, मिले सुंदर बहू, पत्नी
जो बेटी हो उदर में तो, करें क्यूँ कोख ख़ाली है
जहाँ की रीत भी देखो, भला कैसी निराली है
हैं नौ दिन पूजते देवी, मगर नारी को गाली है
लगे प्यारी बहन, माता, मिले सुंदर बहू, पत्नी
जो बेटी हो उदर में तो, करें क्यूँ कोख ख़ाली है