करें ऐसा भारत तैयार, सौहार्द प्रेम की बहे बयार।
सौहार्द प्रेम की बहे बयार।
करें ऐसा भारत तैयार,
सौहार्द प्रेम की बहे बयार
व्यर्थ के झगड़े जाऐं भूल
खिलायें मानवता के फूल
भूलकर धर्म जाति की बात
चलो हम आज मिला लें हाथ
कड़ी मजबूत बने हथियार
करें ऐसा भारत तैयार
सौहार्द प्रेम की बहे बयार।
सभी के पूरे हों अरमान
सभी के सुख-दुःख एक समान
सभी का हो पूरा सम्मान
बनाएं सब फूलों के हार
रहे हम सब के दिल में प्यार
करें ऐसा भारत तैयार
सौहार्द प्रेम की बहे बयार।
एक धरती एक अम्बर
एक हो राष्ट्र भक्ति का स्वर
पीढियाँ सुखमय हों आबाद
चलो ऐसी रख दें बुनियाद
आओ हम सब मिल करें विचार
करें ऐसा भारत तैयार
सौहार्द प्रेम की बहे बयार।
अनुराग दीक्षित