करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
सकल विश्व में आन बिराजी, नौ दिन भक्ति के।।
सौम्य रूप है मां दुर्गा का, जग को हैं भरती ।
विकट रूप में मां काली, जग को हैं हरती ।।
श्रद्धा भाव से जो भी मां के,दर पर जाता है।
कलुष पाप मिट जाते, मां के दर्शन पाता है।।
हर लो सब पाप ह्रदय के, नौ दिन तृप्ति के।
सकल विश्व में आन विराजी, नौ दिन भक्ति के।।
कितने मां के रूप मनोहर, कितने मां के नाम।
कहीं बिराजी मैदानों में, कहीं हैं ऊंचे धाम।।
हरती सबकी चिंता सारी, चिंतपूर्णी मां।
करें मनोरथ सबके पूरे, वैष्णो धाम की मां।।
बावन पीठ बनें माता के, तेजपुंज है शक्ति के।
सकल विश्व में आन बिराजी, नौ दिन भक्ति के।।
उमेश मेहरा
गाडरवारा ( एम पी)