*”करेंसी डॉलर”*
*”करेंसी डॉ
जुलाई के महीने में लगातार बारिश होने से घर में कुछ जगहों पे छत से पानी टपक रहा था । सामान को इधर उधर सरकाते हुए छोटे से घर में माधव जी पत्नी शुचिता परेशान हो रहे थे।
उस दिन राखी का त्यौहार भी था माधव अपनी बहन से राखी बंधवाने के बाद सभी खाना खाकर दोपहर को सो गए ……
माधव जी को कुछ देर में नींद लगते ही अचेतन मन में स्वप्न लोक में परिवार सहित विदेश पहुँच गए ….
वहाँ विदेश में रहने चले गए एक छोटी सी मोपेड लूना लेकर अपनी पत्नी के साथ समुद्र के किनारे घूमने निकल गए।वही समुद्र तट के पास ही रहने के लिए मकान ले लिया था।अब अपनी पत्नी शुचिता को घुमाने के बाद घर वापस ले आया पत्नी ने कहा – फिर कहाँ चले तो कहने लगा थोड़ी देर घूम कर आता हूँ। शुचिता ने कहा लौटते समय सब्ज़ियां व फल लेते हुए आना।
माधव जी ने कहा ठीक है …और अपनी छोटी सी मोपेड लूना की सवारी करते हुए सैर पे निकल पड़े…….कुछ देर समुद्र के किनारे बैठ कर फिर अंधेरा होने पर घर की ओर बढ़ने लगा तो पत्नी की बात याद आ गई शुचिता ने सब्जियाँ व फल लाने को कहा था।
अब गाड़ी सब्जी मंडी की ओर घुमाई दुकान से कुछ सब्जियाँ व फल खरीदा अब जेब से रूपये निकालकर उस दुकानदार को दिए तो वह कहने लगा ये नोट रुपये यहाँ नही चलेंगे यहाँ पर तो करेंसी डॉलर ही चलते हैं।
अब क्या करूँ असमंजस में सोच में पड़ गया …? दुकानदार को सब्जियाँ व फल वापस लौटा दिया।
अब घर वापिस लौटते समय मोपेड लूना खराब हो गई शायद पेट्रोल नही था ,वैसे लूना में ये खासियत होती है कि वह साइकिल की तरह से पैडिल मारकर चलाया जा सकता है।
जैसे तैसे माधव घर वापस लौट आया पत्नी ने घर आते से ही पूछा – सब्जियाँ व फल ले आये …
इतनी देर कहाँ लगा दी प्रश्नों की बौछार शुरू हो गई ……
माधव ने कहा – कुछ देर सांस लेने दो फिर सारी बात बतलाता हूँ एक गिलास पानी ले आओ ।
मुँह हाथ धोकर पानी पीकर सारी बातें घटनाओं का वर्णन किया जो घटी थी इस कारण घर आने में इतनी देरी हो गई …….! ! !
इस पर शुचिता ने कहा मुझे लगा था कि आप सब्जियाँ व फल लाने की बात भूल ही गए होगे अब यहाँ पर तो रुपयों को करेंसी डालर में परिवर्तित करवाना पड़ेगा अभी तो फिलहाल जो घर पर जो कुछ मौजूद हो वही बना लो …..
अब माधव अचानक से नींद से जाग उठा और कहने लगा …….मुझे तो रुपयों को करेंसी डालर में बदलवाना है……? ? ?
शशिकला व्यास ✍