Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2022 · 1 min read

करीं हम छठ के बरतिया

करी हम छठि के बरतिया, माई करीं सुइकार।
छठि माई होईं ना सहइया, सुखी रहें परिवार।। —+-++——

महिमा अपार जाने सकल जहानवा।
देली माई गोदिया में सुनरऽ ललनवा।

कर धनी छठि के बरतिया, माई करिहें सुइकार।
छठि माई होइहें, सहइया, रही सुखी परिवार।।————-

मांगी हम अन धन सोनवा, भरल रहे भंडार।
आदित नाथ होई न सहइया , अरघ करीं सुइकार।—-

आदितमलऽ करेले तिमिर के नाशवा।
सुखी संसार लाईं देले आदित धनवा।

दीहे आदित अन धन सोनवा,भरल रही भंडार।
पानी बीचे खाड़ होखऽ धनिया, अरघ होई सुइकार।——

जाईं नरकटिया बजरिया, लाईं फुलवा के हार।
लाईं साठी धनवा के चउरा, तापर फल दुई चार।

नारियल सुथनी आ लाईं रउरा केरवा।
सूप माटी बरतन दउरा आ दियवा ।

जात बानी धनी हम बजरिया, लाइब फल फूल हार।
करऽ धनी करऽ तू बररतिया, करऽ बाकी बेवहार।——-

लिखलें शुकुल सचिन माई के भजनवा,
अरब सी सत्यम गावे धइके धयनवाँ।

सुनऽ धनी माई के भजनियांँ, उनकर महिमा अपार।
करऽ छठि माई के बरतिया पूरन आसरा तोहार।।

✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’

2 Likes · 173 Views
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

आज़ादी की जंग में यूं कूदा पंजाब
आज़ादी की जंग में यूं कूदा पंजाब
कवि रमेशराज
sp112 पत्थर जैसे कई/ अपने अहम की
sp112 पत्थर जैसे कई/ अपने अहम की
Manoj Shrivastava
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!
शेखर सिंह
परिस्थिति और हम
परिस्थिति और हम
Dr. Rajeev Jain
रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया।
रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया।
पंकज परिंदा
" गिला "
Dr. Kishan tandon kranti
“उसकी यादें”
“उसकी यादें”
ओसमणी साहू 'ओश'
एकालवी छंद
एकालवी छंद
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
मोहब्बत ने मोहतरमा मुझे बदल दिया
मोहब्बत ने मोहतरमा मुझे बदल दिया
Keshav kishor Kumar
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
** खोज कन्हैया की **
** खोज कन्हैया की **
Dr. P.C. Bisen
वह इंसान नहीं
वह इंसान नहीं
Anil chobisa
तुम क्या आए
तुम क्या आए
Jyoti Roshni
कविता
कविता
Nmita Sharma
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
Meenakshi Bhatnagar
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
पूर्वार्थ
*भारत भूषण जैन की सद्विचार डायरी*
*भारत भूषण जैन की सद्विचार डायरी*
Ravi Prakash
Bundeli doha-fadali
Bundeli doha-fadali
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Arvind trivedi
मैं तेरी मुस्कान बनूँगा.
मैं तेरी मुस्कान बनूँगा.
Pappu Kumar Shetty
पहला प्यार
पहला प्यार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ,
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ,
Dr fauzia Naseem shad
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
Sonam Puneet Dubey
जानते वो भी हैं...!!!
जानते वो भी हैं...!!!
Kanchan Khanna
कैसे- कैसे नींद में,
कैसे- कैसे नींद में,
sushil sarna
राजस्थानी भाषा में
राजस्थानी भाषा में
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
4081.💐 *पूर्णिका* 💐
4081.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
Vishal Prajapati
Loading...