*करिश्मा है ये कुदरत का, हमें मौसम बताता है (मुक्तक)*
करिश्मा है ये कुदरत का, हमें मौसम बताता है (मुक्तक)
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करिश्मा है ये कुदरत का, हमें मौसम बताता है
न जाड़ा है न गर्मी है, पवन अलमस्त गाता है
जो सूखा ठुंठ था उस पर, नये पत्ते निकल आए
बगीचा-बाग चैती-चैत, शुभ उत्सव मनाता है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451