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21 Jun 2023 · 1 min read

*करिए जीवन में सदा, प्रतिदिन पावन योग (कुंडलिया)*

करिए जीवन में सदा, प्रतिदिन पावन योग (कुंडलिया)

करिए जीवन में सदा, प्रतिदिन पावन योग
अनुशासन में ही रखें, स्वाद वस्तु-उपभोग
स्वाद वस्तु-उपभोग, साधिए सॉंसों की लय
भीतर का संगीत, ढूॅंढिए हो जो भी वय
कहते रवि कविराय, मोद से मन को भरिए
आसन-प्राणायाम, नित्य जीवन में करिए
__________________
वय = आयु
मोद = प्रसन्नता
___________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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