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20 Oct 2024 · 1 min read

करवा चौथ घनाक्षरी ( हास्य)

करवा चौथ घनाक्षरी ( हास्य)

बैठी बैठी खोई खोई, अपनी तो राज रानी
सोच रही पल पल, चांद कब आएगा
देखे मुख बार बार, इतराए बार बार
आया नहीं, आया नहीं, क्या तूफान लाएगा
बार बार छत चढ़े, बार बार नभ तके
बैरिन इस चांद को, कौन समझाएगा
कर सोलह श्रृंगार, कर रही इंतज़ार
सजनवा,सजनवा, मुझे तू रुलाएगा।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
40 Views
Books from Suryakant Dwivedi
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