करवाचौथ सुहानी मुस्कानें ले आई (गीत)
करवाचौथ सुहानी मुस्कानें ले आई (गीत)
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फिर से करवाचौथ सुहानी मुस्कानें ले आई
(1)
युगों-युगों से अमर-प्रेम की शपथ आज दोहराएँ
देखें चन्दा कभी गगन में, कभी नयन टकराएँ
सात जन्म के पावन बंधन की बेला हर्षाई
फिर से करवाचौथ सुहानी मुस्कानें ले आई
(2)
हाथ पकड़कर चलें सदा हम दिव्य-प्रेम के राही
पावन स्वच्छ चमकता चंदा देता यही गवाही
यह मादकता-भरी चाँदनी लेती है अँगड़ाई
फिर से करवाचौथ सुहानी मुस्कानें ले आई
(3)
वर्षगाँठ सबके विवाह की अलग-अलग कहलाती
किन्तु चाँदनी शीतल नभ से सदा एक- सी आती
सुनो चाँदनी को तो पाओगे बजती शहनाई
फिर से करवाचौथ सुहानी मुस्कानें ले आई
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451