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24 Oct 2021 · 1 min read

करवाचौथ गीत

******* करवाचौथ-गीत *******
***************************

औरतें हर्षित पुलकित हो जाती हैं,
करवाचौथ का त्योहार मनाती हैं।

निश दिन रह कर निर्जला व्रतधारी,
पति हो दीर्घायु करती विनती सारी,
सूर्योदय से पूर्व जल्दी उठ जाती हैं।
करवाचौथ का त्योहार मनाती है।

जीवन भर रहेगा साथ सावित्री का,
पति संग घर में ही हो वास स्त्री का,
सदा सुहागिन सुहाग गीत गाती हैं।
करवाचौथ का त्योहार मनाती है।

सोलह सिंगार कर हैं खूब सजती,
नव पोशाक पहन कर खूब जँचती,
खाली मकान को वो घर बनाती है।
करवाचौथ का त्योहार मनाती है।

भार्या-भर्या कभी भी न हो उदास,
चेहरों पर खिले हर मुस्कान खास,
मन मे सुंदर सलोने स्वप्न जगती है।
करवाचौथ का त्योहार मनाती हैं।

चाँद निकले तो चंद्र पूजन करती हैं,
छलनी से पति मुख दर्शन करती है,
सदा रहे साथ हमसफर चाहती हैं।
करवाचौथ का त्योहार मनाती है।

मनसीरत करवाचौथ रात अनमोल,
शौहर – सौगात का नहीं कोई मोल,
वो आंगन में प्रेम के बीज उगाती है।
करवाचौथ का त्योहार मनाती हैं।

औरतें हर्षित पुलकित हो जाती हैं।
करवाचौथ का त्योहार मनाती है।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
294 Views
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