*करवाचौथ: कुछ शेर*
करवाचौथ: कुछ शेर
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चलो छत पर निहारें चाँदनी में एक दूजे को
बड़ी ही खूबसूरत रस्म करवाचौथ की है यह
तुम्हारा हाथ हम पकड़ें, हमारा हाथ तुम पकड़ो
चलो इस चाँदनी में कुछ चहलकदमी करें हम-तुम
पुराना है ये कितना चाँद लेकिन है नया-सा भी
हजारों साल से यह प्रेम की अनुपम निशानी है
कभी लगता है चंदा की वजह से चाँदनी है, तो
कभी लगता है जैसे चाँदनी तुमसे महकती है
कभी मन चाहता है खूबसूरत चाँद को कहना
कभी मन चाहता है फिर से करवाचौथ हो जाए
हमें मालूम है हम-तुम अधूरे हैं लिए कमियाँ
हमें मालूम है थोड़ा-सा टुकड़ा चाँद का कम है
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रचयिता रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451