कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
परमात्मा
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा