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15 Jun 2023 · 1 min read

करप्शन का लोड

पत्नी अपने पति से बोली –
देखो गड्ढे बहुत हैं , संभल कर जाना
संभल न पाना तो ब्रेक लगाना
यह गाड़ी तुमने दहेज में है पाई
मैं मायके चली जाऊँँगी ,
एक खरोच जो आई ।
पति झटपटाया और हारकर बोला –
जानम कुछ तो समझा करो
थोड़ा-सा भरोसा मुझ पर धरो
तुम्हारी गाड़ी मैं खींचकर ले जाऊँँगा
बैलगाड़ी-सा रोड पर
धीमे-धीमे चलाऊँँगा
क्योंकि , रोड पर गड्ढे नहीं
गड्ढों की रोड है
राजनीति के कंधों पर
करप्शन का लोड है
करप्शन का लोड है…।

(मोहिनी तिवारी)

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