करना नही निवेश
करना नही निवेश तुम,लेकर कभी उधार ।
दादाजी के गूँजते,………..कानों मे उद्गार ।।
कानों में उद्गार , बात ये सच्ची लागे ।
शब्द बुजुर्गों ने , व्यर्थ मे यूँ ना दागे ।।
कह रमेश कविराय,बाद में पड़ता मरना ।
लेकर मित्र उधार ,जमा पूँजी मत करना ।।
रमेश शर्मा.