करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम
तब थे क्यों दूर हमसे तुम।
जब थे करीब तुमसे हम।।
अब क्यों जरूरत हमारी है।
करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर ——————।।
लिखे थे खत तुमको हमने।
बताने को तुमको सपनें अपने।।
उम्मीद थी तुम यकीन करोगे।
पूछते हो क्यों हाल, अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर———————।।
ऐसे तो पहले तुम नहीं थे।
दिल से करीब तुम नहीं थे।।
कहते थे हमको दुश्मन अपना।
मिलते हो क्यों ऐसे, अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर ———————।।
हमने गुजारे थे तब दिन भूखे।
होली, दीवाली हम रहे थे सूखे।।
मनाते थे जश्न तुम, मेरे आँसुओं पर।
तरसते हो क्यों ऐसे, अब हमको तुम।।
तब थे क्यों दूर ———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)